तू है, तो मैं हूँ, तू नहीं, तो मैं नहीं|

Hitesh Mahawar
2 min readMar 16, 2020

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Inspirational Indians

This poem is dedicated to my Mom, Sister and to celebrate all the women in our lives…#SheInspiresUs

माँ | Maa | Happy Mother’s Day! | Poetry | Hindi | Hitesh Mahawar

तू ज़िन्दगी है और राह भी,
तू सय्यम और इंतज़ार भी,
तू साथी है, सलाहकार भी,
तू शक्ति और काल भी,

तू ही निराकार और आकार है,
तू लक्ष्मी का भण्डार है,
तू जननी है, संघार है,
कभी ममता, तो कभी दुलार है,

तू खुशियां है और प्यार भी,
तू ही कला और कलाकार भी,
तू धुप में भी छाँव है,
तू वजुद है, मेरा अस्तित्व भी,

तू माँ है और श्वास भी,
मेरा कल है और आज भी,
तुझमे ही गुरु और गुरुकुल है,
तुझसे ही घर और समाज है,

तू चुप है, आवाज़ भी,
तू ही राज़ और हमराज़ भी,
तू मान है और अभिमान है,
तू आदर है और सम्मान है,

तू लज्जा और ललकार है,
तू ही सरस्वती और ज्ञान है,
तू शांति का पैगाम भी,
तू समझ और उदार भी,

कभी कोमल, तो कभी नाज़ुक है,
तू निश्छल है, और पाक है,
तुझसे ही शोभा और स्वाभिमान है,
साहस का परिचय और सरलता का प्रमाण है,

तू आरम्भ है और अंत का आरम्भ भी,
तू ही अद्भुत और अनंत भी,
तू प्रत्यक्ष्य है, अप्रत्यक्ष्य भी,
तू सत्य है और साक्ष्य भी,
तू सूर्य है और चाँद भी,
तू आकाश है, ब्रह्माण्ड भी,

तू है, तो मैं हूँ,
तू नहीं, तो मैं नहीं|

- हितेश कुमार महावर ©

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Hitesh Mahawar

Meditator | Systems Thinker | Sustainability Professional | University of Cambridge and IIT Bombay Alumnus | LinkedIn: https://www.linkedin.com/in/hiteshmahawar